गृह निर्माण योजना 2025 के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (PMAY-U) 2.0 भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है, जिसका लक्ष्य 2025 तक शहरी क्षेत्रों में हर व्यक्ति को अपना घर उपलब्ध कराना है. इस योजना के तहत, क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (CLSS) के जरिए अब अधिकतम ₹1.80 लाख तक की ब्याज सब्सिडी प्रदान की जा रही है. यह सब्सिडी सीधे आपके होम लोन अकाउंट में जमा होती है, जिससे आपकी बकाया राशि और मासिक किस्त (EMI) कम हो जाती है | हर व्यकित को गृह निर्माण योजना का लाभ लेना चाहिए
गृह निर्माण योजना का लाभ PMAY-U 2.0 के तहत सब्सिडी के मुख्य बिंदु:

-
लक्षित समूह: यह सब्सिडी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS), कम आय वर्ग (LIG) और मध्यम आय वर्ग (MIG) के उन परिवारों के लिए है, जिनके पास पक्का मकान नहीं है.
-
सब्सिडी का लाभ: EWS/LIG वर्ग के लाभार्थी ₹6 लाख तक के होम लोन पर 6.5% की ब्याज सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं.
-
आवेदन कैसे करें: आप आधिकारिक PMAY वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं या किसी PMAY के साथ पंजीकृत बैंक या वित्तीय संस्थान के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं
मजबूत घर बनाने के 10 आसान चरण (10 Easy Steps for Strong House Construction)
घर का निर्माण एक व्यवस्थित प्रक्रिया है। उचित योजना और इन चरणों का पालन करके आप कम लागत में मजबूत घर बना सकते हैं
चरण 1: व्यापक योजना और बजट बनाएँ (Comprehensive Planning and Budgeting)
घर निर्माण की प्रक्रिया का यह सबसे महत्वपूर्ण चरण है. एक योग्य वास्तुकार या इंजीनियर की मदद से साइट प्लान, फ्लोर प्लान और संरचनात्मक योजना तैयार करवाएं. साथ ही, निर्माण सामग्री, मजदूरी और अन्य खर्चों का विस्तृत बजट बनाएं और हमेशा कुल लागत का 10-15% अप्रत्याशित खर्चों के लिए रिजर्व रखें।
चरण 2: सही जमीन का चुनाव और कानूनी स्वीकृति (Land Selection and Legal Approval)
घर के आकार और जरूरतों के हिसाब से उपयुक्त जमीन का चुनाव करें. निर्माण शुरू करने से पहले, अपनी भवन योजना को स्थानीय नगर निगम या प्राधिकरण से मंजूरी अवश्य दिलवाएं
चरण 3: मजबूत नींव रखना (Laying a Strong Foundation)
घर की मजबूती इसकी नींव पर निर्भर करती है. साइट की मिट्टी के अनुसार नींव की गहराई और डिजाइन तय की जाती है। कंक्रीट डालने के बाद, वॉटरप्रूफिंग और दीमक रोधी उपचार अवश्य करवाएं ताकि भविष्य में नमी और दीमक से बचाव रहे.
चरण 4: प्लिंथ बीम और संरचना का निर्माण (Plinth Beam and Superstructure Construction)
नींव के ऊपर प्लिंथ बीम बनाई जाती है, जो दीवारों को एक समान सहारा देकर उनमें दरारें आने से रोकती है. इसके बाद दीवारों, कॉलम और छत के स्लैब की संरचना तैयार की जाती है। यह सुनिश्चित करें कि भार वहन करने वाले सदन (जैसे कॉलम और बीम) मजबूत सामग्री और सही डिजाइन से बनें
चरण 5: छत का निर्माण (Roof Construction)
छत के स्लैब की कंक्रीटिंग की जाती है। कंक्रीट डालने के बाद, उचित देखभाल (क्यरिंग) बहुत जरूरी है ताकि यह मजबूत और टिकाऊ बने।
चरण 6: प्लंबिंग और इलेक्ट्रिकल वायरिंग (Plumbing and Electrical Wiring)
संरचना तैयार होने के बाद, दीवारों के अंदर प्लंबिंग पाइप और इलेक्ट्रिकल कंडूट (नाली) छिपी हुई व्यवस्था की जाती है. यह न सिर्फ सौंदर्यशास्त्र के लिए अच्छा है, बल्कि तारों को नमी और अन्य क्षति से भी बचाता है
चरण 7: दरवाजे-खिड़कियाँ लगाना और पलस्तर करना (Doors, Windows and Plastering)
इस चरण में दरवाजे और खिड़कियाँ लगाई जाती हैं, जो इन्सुलेशन और वेंटिलेशन का काम करते हैं. इसके बाद, दीवारों और छत पर पलस्तर (प्लास्टर) किया जाता है जिससे सतह चिकनी और साफ हो जाती है।
चरण 8: पेंटिंग और टाइल्स का काम (Painting and Tiling)
अब आपके घर को अंतिम रूप दिया जाता है। दीवारों पर पेंट या वॉलपेपर किया जाता है और फर्श व दीवारों पर टाइल्स लगाई जाती हैं. अच्छी गुणवत्ता वाली पेंट और टाइल्स का इस्तेमाल लंबे समय तक घर को नया रखता है।
चरण 9: अंतिम फिटिंग्स और सजावट (Final Fixtures and Decoration)
इस चरण में बिजली के स्विच, बोर्ड, नल, हैंडपंप, किचन और बाथरूम के कैबिनेट आदि अंतिम फिटिंग्स लगाए जाते हैं
चरण 10: फाइनल इन्स्पेक्शन और रखरखाव की आदत (Final Inspection and Maintenance)
घर बनकर तैयार हो जाने के बाद, सभी कामों का सावधानीपूर्वक निरीक्षण करें। किसी भी तरह की कमी हो तो उसे ठीक करवाएं। घर की लंबी उम्र के लिए नियमित रखरखाव बहुत जरूरी है।